सहजन से तो आप भलिभाति परिचित होंगें। यह एक ऐसी हरी सब्जी है जो बाजार में चारों ओर बिकती है पर हम में ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस सब्जी को देख कर भी अनदेखा कर देते हैं। सर्दियों में आपको ढेर सारी हरी साग-सब्जी देखने को मिलेगी। सहजन की सब्जी ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के विभिन्न भाग के अनेकों प्रयोग पुराने जमाने से ही किए जाते रहे हैं। सहजन के फूल, फली व पत्तों में इतने पोषक तत्त्व हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मार्गदर्शन में दक्षिण अफ्रीका के कई देशों में कुपोषण पीडि़त लोगों के आहार के रूप में सहजन का प्रयोग करने की सलाह दी गई है। सजहन की सब्जी को अपनी डाइट में शामिल कीजिए और इसका लाभ उठाइए। आयुर्वेद में 300 रोगों का सहजन से उपचार बताया गया है।इसकी पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया,शियाटिका ,पक्षाघात,वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है|इसका रस सुबह शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है.
इसकी पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है.इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सुजन ठीक होते है.इसमें दूध की तुलना में ४ गुना कैलशियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है।